ताजमहल की मीनार पर उगा पौधा, सरकारी रखरखाव पर उठे कई सवाल

आगरा स्थित विश्वप्रसिद्ध ताजमहल के संरक्षण और रख-रखाव को लेकर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। मुख्य गुंबद पर पौधा उगने के करीब 11 महीने बाद अब ताजमहल के गेस्ट हाउस की ओर वाली एक मीनार पर भी पौधे का उगने...

अलीगढ़: दरोगा से मारपीट करने वाला प्रधान फरार, गिरफ्तारी को पुलिस का शिकंजा कसा

अलीगढ़: दरोगा से मारपीट करने वाला प्रधान फरार, गिरफ्तारी को पुलिस का शिकंजा कसा अलीगढ़ में रक्षाबंधन के दिन हुई दरोगा पिटाई की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। दादों थाना क्षेत्र में ड्यूटी ...

भारत-चीन के बीच अगले महीने से शुरू होंगी डायरेक्ट फ्लाइट्स, महामारी के बाद पहली बार सीधा हवाई संपर्क

भारत-चीन के बीच अगले महीने से फिर जुड़ेंगे आसमान के रास्ते, एयरलाइंस को तैयारी के निर्देश भारत और चीन के बीच लंबे अंतराल के बाद हवाई संपर्क एक बार फिर बहाल होने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, अ...

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: तीन दिन तक ब्रज में बिखरेगा रंग, 400 कलाकारों की टोलियों से सजेगा उत्सव

इस बार मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बेहद खास अंदाज में मनाया जाने वाला है। जन्माष्टमी के अवसर पर 15 अगस्त से 17 अगस्त तक पूरे ब्रज क्षेत्र में उत्सव का माहौल रहेगा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्म और लीला भू...

अलीगढ़ में बारिश बनी राहत का कारण, मौसम विभाग ने जारी की सतर्कता चेतावनी

अलीगढ़ का मौसम राखी के दिन से ही ठंडा हो गया है, जिससे यहां के लोगों को गर्मी से राहत मिली है। इस दिन हुई बारिश ने न सिर्फ तापमान को कम किया, बल्कि खेतों और फसलों को भी सुखद प्रभाव पहुंचाया है। मौसम व...

ऑपरेशन सिंदूर पर आर्मी चीफ का बड़ा बयान – "हमें सरकार ने पूरा फ्रीहैंड दिया था"

भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सरकार ने सेना को पूरी तरह स्वतंत्र होकर कार्रवाई करने का अधिकार दिया था।उनके मुताबिक यह ऑपरेशन ऐसा था जैसे हम शतरंज खे...

अलीगढ़ में भाजपा नेता के लोहा कारखाने पर जीएसटी की बड़ी कार्रवाई: सात घंटे की जांच में उजागर हुए संदिग्ध लेनदेन

अलीगढ़ के तालानगरी क्षेत्र में गुरुवार को जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। राज्यकर विभाग की विशेष जांच इकाई (एसआईबी) ने एक भाजपा नेता से जुड़े लोहा कारखाने पर छापा मारा। सुबह शुरू हुई य...

पीएम मोदी और पुतिन की फोन पर चर्चा: भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाई देने का संकल्प, पुतिन जल्द करेंगे भारत दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर लंबी और सार्थक बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्...

मोदी सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय: उज्ज्वला सब्सिडी को मंजूरी, असम-त्रिपुरा में नए विकास कार्य शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई जनकल्याणकारी फैसले लिए गए। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पांच बड़े निर्णयों को मंजूरी दी गई, जिनके लिए 52,66...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में काम करने वाले एक वरिष्ठ लिपिक की बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उसे रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि किसी कर्मचारी को अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी को बिना ठोस कानूनी कारण और उचित प्रक्रिया के, खासकर 14 साल बाद, मनमाने तरीके से खत्म नहीं किया जा सकता। यह फैसला उन तमाम लोगों के लिए राहत की खबर है, जो बिना उचित कारण के नौकरी से हटाए जाते हैं। यह मामला हाथरस के बेसिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ लिपिक के तौर पर कार्यरत शिवकुमार से जुड़ा है। शिवकुमार को 31 मई 2023 को उनकी नौकरी से हटा दिया गया था। उनके पिता हाथरस के एक जूनियर हाईस्कूल में सहायक शिक्षक थे, जिनकी मृत्यु के बाद शिवकुमार को अनुकंपा के आधार पर लिपिक की नौकरी दी गई थी। उनकी मां उस समय अलीगढ़ में सहायक शिक्षिका थीं। जब शिवकुमार को नौकरी मिली, तब उन्होंने अपनी मां की सरकारी नौकरी की जानकारी छिपाने की कोई कोशिश नहीं की थी। उस समय आवेदन पत्र में ऐसा कोई कॉलम ही नहीं था, जिसमें माता-पिता की सरकारी नौकरी का जिक्र करना जरूरी हो। विभाग ने उनके सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की थी और फिर नियुक्ति दी थी। लेकिन, 14 साल बाद एक शिकायत के आधार पर यह दावा किया गया कि शिवकुमार ने अपनी मां की नौकरी की जानकारी छिपाई थी। इसके चलते उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में विभाग के रवैये को गलत ठहराया और कहा कि अगर उस समय कोई जानकारी सामने नहीं आई, तो इसके लिए शिवकुमार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। विभाग को चाहिए था कि वह नियुक्ति से पहले सभी तथ्यों की अच्छी तरह जांच करता। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकलपीठ ने शिवकुमार की याचिका पर सुनवाई की और उनकी बर्खास्तगी के आदेश को तुरंत रद्द कर दिया। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को सख्त हिदायत दी कि शिवकुमार को उनकी नौकरी में तुरंत बहाल किया जाए। साथ ही, उन्हें पिछले सारे वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं भी दी जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर नियुक्ति के समय किसी तरह की धोखाधड़ी या गलत जानकारी देने का सबूत नहीं है, तो इतने साल बाद किसी कर्मचारी को नौकरी से हटाना पूरी तरह गलत है। इस फैसले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि नौकरी से निकालने के लिए मजबूत कानूनी आधार और पारदर्शी प्रक्रिया का होना जरूरी है। कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि अनुकंपा नियुक्ति का मकसद मृतक कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहारा देना है। ऐसे में, बिना ठोस वजह के किसी की नौकरी छीनना नाइंसाफी है। यह फैसला नौकरशाही में जवाबदेही को बढ़ावा देता है और उन कर्मचारियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो बिना उचित प्रक्रिया के नौकरी से हटाए जाते हैं। शिवकुमार की बहाली से उनके परिवार को बड़ी राहत मिलेगी और यह अन्याय के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में काम करने वाले एक वरिष्ठ लिपिक की बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उसे रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि किसी कर्मचारी को अनुकंपा...