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अलीगढ़ में भाजपा नेता के लोहा कारखाने पर जीएसटी की बड़ी कार्रवाई: सात घंटे की जांच में उजागर हुए संदिग्ध लेनदेन

अलीगढ़ में भाजपा नेता के लोहा कारखाने पर जीएसटी की बड़ी कार्रवाई: सात घंटे की जांच में उजागर हुए संदिग्ध लेनदेन
अलीगढ़ में भाजपा नेता के लोहा कारखाने पर जीएसटी की बड़ी कार्रवाई: सात घंटे की जांच में उजागर हुए संदिग्ध लेनदेन

अलीगढ़ के तालानगरी क्षेत्र में गुरुवार को जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। राज्यकर विभाग की विशेष जांच इकाई (एसआईबी) ने एक भाजपा नेता से जुड़े लोहा कारखाने पर छापा मारा। सुबह शुरू हुई यह जांच सात घंटे तक चली, जिसमें 14 अधिकारियों की टीम ने सेक्टर-2 में स्थित एमआरएस इस्पात के कागजातों की गहन छानबीन की।

फर्जी कंपनी से 10 करोड़ की खरीद का खुलासा

जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि फर्म ने दिल्ली की एक फर्जी कंपनी से 10 करोड़ रुपये की लोहे की खरीद दिखाई। इस सौदे पर 1.62 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) भी लिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कंपनी से यह खरीद दिखाई गई, उसका रजिस्ट्रेशन पहले ही रद्द हो चुका है। यह सौदा पूरी तरह से कागजी लगता है। जांच में कई अन्य संदिग्ध लेनदेन भी सामने आए। इसके बाद अधिकारियों ने जरूरी कागजात जब्त किए और फर्म को नोटिस जारी किया। यह फर्म भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष के नाम से पंजीकृत है।

बिना वाहन आवागमन के दिखाए गए सौदे

एसआईबी के जांच अधिकारी डा. अभिषेक सिंह ने बताया कि डेटा विश्लेषण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में कई अनियमितताएं पकड़ी गईं। फर्म ने दिल्ली की एक ऐसी कंपनी से 10 करोड़ रुपये की खरीद दिखाई, जो अस्तित्व में ही नहीं है। इसके अलावा, कुछ सौदों में उन वाहनों का जिक्र किया गया, जिनका कोई आवागमन ही नहीं हुआ। इस कारण कई दस्तावेजों को सीज कर लिया गया। फर्म का संचालन कुकुम अग्रवाल के नाम पर है, लेकिन इसका प्रबंधन भाजयुमो के कोषाध्यक्ष ऋषभ गर्ग करते हैं, जिनकी आगरा रोड पर एक और फर्म है।

नेताओं का दबाव, फिर भी नहीं रुकी जांच

यह कार्रवाई जीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त अनिल कुमार राम त्रिपाठी के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त रश्मि सिंह राजपूत की अगुवाई में हुई। जांच शुरू होते ही कई भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों के फोन अधिकारियों के पास आने लगे। एक नेता ने फर्म को अपनी बताकर जांच रोकने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने लिखित आदेशों का हवाला देकर कार्रवाई जारी रखी। इस बीच, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष सतीश माहेश्वरी कुछ व्यापारियों के साथ मौके पर पहुंचे और जांच के कागजात मांगे। अधिकारियों ने उन्हें वैध आदेश दिखाए, जिसके बाद टीम ने पूरी जांच के बाद ही वापसी की।

जांच दल में डिप्टी कमिश्नर नीरज प्रकाश, अजीत सिंह, चंद्रशेखर सिंह, जितेंद्र आर्या, पीएन सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर डा. अभिषेक सिंह, प्रताप बहादुर, एकता रानी गुप्ता, संजय तिवारी, सीटीओ चिन्मय मिश्रा, विनोद मिश्रा, सुरेश चंद शर्मा, अशोक कुमार पांडेय और चरण जीत सिंह शामिल थे।

संचालक का दावा: कोई गड़बड़ी नहीं

जांच खत्म होने के बाद व्यापारी नेता सतीश माहेश्वरी ने कहा कि जीएसटी की जांच में फर्म में कोई कमी नहीं पाई गई। फर्म संचालक और भाजपा नेता ऋषभ गर्ग ने भी दावा किया कि जीएसटी टीम ने सिर्फ सर्वे किया और सभी कागजात सही पाए गए। उनके मुताबिक, जांच दल ने लिखित में दिया कि कोई अनियमितता नहीं मिली। हालांकि, अधिकारियों ने इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की

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